क्यों रुद्राक्ष भगवान भोलेनाथ से ही जुड़ा है

by - July 21, 2025

 क्यों रुद्राक्ष भगवान भोलेनाथ से ही जुड़ा है, जानिए इसका महत्व-




हिन्दू धर्म में हमेशा से ही पुरानी मान्यताओं को ज्यादा माना जाता है अर्थात इन पुराणी मान्यताओं को विशेष रूप से महत्त्व दिया जाता है। लोग धार्मिक ग्रंथो और पुरानी मानी जाने वाली परम्परा और  गतिविधियों में काफी विश्वास किया करते है। धर्म के अनुसार बताया जाता रहा है, कि भगवान शिव को देव और दानव दोनों का देवता माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों की किताबो में यह भी बताया गया है की भगवान शिव के शांत स्वाभाव और प्रसन्न चित्य के कारण लोग इन्हे भोलेनाथ भी कहते है और इनके प्रलयंकारी स्वभाव के कारण इन्हे सभी लोग रूद्र भी कहते है। पता नहीं क्यों परन्तु भगवान भोले नाथ को हमेशा से रुद्राक्ष बहुत ही प्रिय है। वे इसे अपने हाथ, गले, व सर की जटाओं में धारण करते है। शिव को और भी बहुत सी चीजें बेहद प्रिय हैं। उनमें से एक शिवलिंग, बेलपत्र आदि कई चीज़े है। जो भगवान शिव को बहुत प्रिय है।

ज्योतिष अपने अपने शास्त्रों के माध्यम से यह बताते है कि यह रुद्राक्ष जो की भगवन शिव को अति प्रिय है, इसका आपके जीवन में भी बहुत महत्त्व होता है। कई बार आपको आपके इस जीवन में भय, अशांति, दुःख, विपत्ति किसी कार्य में बाधा जैसी अनेकों समस्याओं का सामना करना पढ़ जाता है। और आपका सुखद सा जीवन नीरस सा हो जाता है, पर आप इससे परेशान नहीं हो इसके लिए आप यदि रुद्राक्ष का पूजन कर उसे अपने गले या भुजाओं में धारण करते है। तो आपके जीवन में सुख शांति अवश्य आएगी। और आपके जीवन के सारे दुःख और कष्ट आसानी से दूर हो जायेंगे और आप अपना जीवन सुखद व्यतीत कर सकते है।



यह भी माना जाता है कि यह रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से ही उत्पन्न हुआ। ज्योतिष के माध्यम से बताया जाता है। कि इस रुद्राक्ष की सबसे बड़ी विशेषता यह है, की इस रुद्राक्ष में वह शक्ति होती है। यह समस्त दुखों को हर लेने की क्षमता रखता है। पहले के पुराणों और ग्रंथो के माध्यम से मिली  जानकारी के अनुसार रुद्राक्ष के बहुत से प्रकार होते है। हाल ही में अधिकतर 14 मुखी और गौरी शंकर रुद्राक्ष व गणेश रुद्राक्ष ही मिल पाते हैं। 

भगवन शिव के रुद्राक्ष के मुख की पहचान आप यदि उसे बीच से दो भागों में विभाजित कर सके, तभी आप इसके सही या गलत की पहचान कर पायेगें। इसमें जितने मुख होते हैं उतनी ही फांके नजर आती हैं। हर रुद्राक्ष किसी न किसी ग्रह और देवता का प्रतिनिधित्व अवश्य रूप से करता है। यदि आप रुद्राक्ष को धारण करते है तो आपके जीवन में कोई नकारात्मक सोच व प्रभाव नहीं पडेगा। आपका जीवन सुखद व शांति के साथ व्यतीत होगा। और आप गलत चीजों या बुरे सपनों से मुक्त रहेंगे। जीवन सम्पन्नता से भरा रहेगा। इसको धारण करने के बाद भगवान शिव आपकी हर समस्या व संकट को दूर करेंगें। और आपको सकारात्मक सोच के प्रभावी बनाएगा। रुद्राक्ष सभी के जीवन के लिए अच्छा है, इसे  सभी लोगो को धारण करना ही चाहिए, और जयादातर उन लोगो को जिन्हे ज्यादा गुस्सा आता हो या जिनको हर बात पर गलत सोचे की आदत हो। एक बार इसको धारण कर के आप इसके लाभ देख सकते है।

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वृंदावन

वृंदावन, उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक नगर है, जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ा है। यह मथुरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर है और "मंदिरों का शहर" के रूप में भी जाना जाता है. वृंदावन में कई ऐसे स्थान हैं जो भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के प्रतीक हैं, जैसे कि केसी घाट, राधा रमण मंदिर, रंगजी मंदिर, और इमलीतला मंदिर.